tag:blogger.com,1999:blog-447215035488740659.post4495414891031631984..comments2023-10-18T19:36:07.318+05:30Comments on बौद्धिक जुगाली: बंगलौर : एक रूप ये भीचन्द्र प्रकाश दुबेhttp://www.blogger.com/profile/12483967686658945554noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-447215035488740659.post-78387385401189865622011-11-13T00:11:07.749+05:302011-11-13T00:11:07.749+05:30आप का ब्लॉग आज पढ़ा . आप ने ठीक ही कहा है की दूर स...आप का ब्लॉग आज पढ़ा . आप ने ठीक ही कहा है की दूर से महानगरों की चमक सामने से देखने पर विकृतियों में बदल जाती है.Prem ki duniyahttps://www.blogger.com/profile/07624947329094837317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-447215035488740659.post-60165591654134178202011-11-05T21:11:39.832+05:302011-11-05T21:11:39.832+05:30बेईमानी को आजकल सामाजिक मान्यता मिल चूका है. हमाम ...बेईमानी को आजकल सामाजिक मान्यता मिल चूका है. हमाम में सभी नंगे हैं.niraj vishwakarmanoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-447215035488740659.post-25466047118880138532011-11-05T21:08:18.128+05:302011-11-05T21:08:18.128+05:30कमोबेश आजकल हरेक बड़े शहर की दिनचर्या इसी राह पर च...कमोबेश आजकल हरेक बड़े शहर की दिनचर्या इसी राह पर चल पड़ी है.अब ये रोग दक्षिण भारत के शहरों को भी लग गया है, जिन्हें उत्तर भारतीय शहरों की अपेक्षा पाक साफ़ समझा जाता रहा है.Anonymousnoreply@blogger.com